Ae Zindagi | Hindi Poems
ऐ ज़िन्दगी तू क्यों उससे खेल रही है,
जो बरसों से बस दर्द ही झेल रही है |
उसकी ज़िन्दगी में भी बारिश की एक बौछार दे,
वो हर पल मुस्कुरायें उसे तू खुशियाँ हज़ार दे,
उसकी सांसों को जो सुकून दे,
उसे तू ऐसी बहार दे |
खुशियाँ अब कदम चूमे उसके,
उसे फिर से जीने का जूनून दे,
उसकी ज़िन्दगी फिर से संवार दे |
ऐ ज़िन्दगी तू क्या जाने,
सुनी चोखट से बाहर झांकते अरमान क्या होते हैं,
जो दिल में दबे रह जाये वो एहसास क्या होते है,
साँसों के साथ दम तोड़ते वो ज़ज्बात क्या होते है,
जो अश्क आँखों से निकलने को तरस जायें,
उन अश्को में सुलगते ख्वाब क्या होते हैं |
उसके हर दर्द को अब तू उसके दिल से निकाल दे,
उसकी सुकून को तरसती धड़कन को,
तू अब थोडा प्यार दे |
आंसुओ की जगह ना हो अब उसकी ज़िन्दगी में,
उसे अब तू खुशियों से भरा संसार दे,
उसे फिर से जीने का जूनून दे,
उसकी ज़िन्दगी फिर से संवार दे |
lovely dedication and beautifully expressed :)
जवाब देंहटाएंTHanks :)
हटाएंNice words. Very positive :)
जवाब देंहटाएंTHanks. Glad you like it :)
हटाएंHey Mahawar! Loving your Hindi poems!
जवाब देंहटाएंTHanks a lot for liking!
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