खुदा ने लिखी ही नहीं, मेरी ज़िन्दगी में महोब्बत किसी की , दर्द में तड़पना ही मुकद्दर है मेरा, मेरे नसीब में कहा हँसी तेरे लबों जैसी ♥♥ तेरे होने से आँखों में, आज फिर ये नमी है कैसी, तुझे देखकर आज फिर, दिल पे छा गयी है ख़ामोशी सी ♥♥
तोड़ दूँ सारी बंदिशें, और तुझसे लिपट जाऊं, सुन लूँ तेरी धड़कन को, और तेरी बाहों में सिमट जाऊं | छू लूँ मेरे लबों से तेरे लबों को, तेरी हर सांस में घुल जाऊं, तेरे दिल में उतर कर, तेरी रूह से मिल जाऊं |
फिर वो तनहा रात ना आये, उस तन्हाई में तेरी याद ना आये, कोशिश यही मैं बार-बार करूँ ♥♥ तेरी सुकून को तरसती धड़कन को सुनकर महसूस किया, की दुनिया भूलकर मैं तो सिर्फ तुझसे प्यार करूँ ♥♥ मेरे दिल में तू ही, धड़कन में तू ही, कैसे मैं तुझसे ये इज़हार करूँ ♥♥
तेरे होने से ख़ुशी मिलती है दिल को मेरे, दिल करता है की कुछ पल तेरे साथ चलूँ ♥♥ तेरी खुशबू से सुकून मिलता है रूह को मेरे, जब तू नजदीक हो मेरे मैं तो बस सांस लूँ ♥♥ तेरे होने से ही लबों पे मुस्कराहट है मेरे, तेरा हाथ पकड़ कर तुझसे कुछ दर्द बाँट लूँ ♥♥
तू जो कह दे तो , तेरे-मेरे कुछ ख्वाब सजा लूँ ♥♥ कोई जगह ना हो दर्द की ज़िन्दगी में मेरे , मेरे हर अक्स में तुझे बसा लूँ ♥♥ ख़्वाबों के इन झुलतें झूलों में , कुछ पल तेरे साथ बिता लूँ ♥♥