ज़िन्दगी से ज्यादा तुझे चाहा है, कसमें भी ली है साथ निभाने की, साँसों का चलना भी मुश्किल है तुझ बिन, अब तू कोशिश ना करना मुझसे दूर जाने की ♥♥ अगर खो जायें कहीं हम, तो कोशिश करना मेरे करीब आने की, अगर मुश्किल है साथ चलना ज़िन्दगी भर, तो कभी कोशिश करना कुछ पल मेरे साथ बिताने की ♥♥
ऐ मेरे हमनशी , कैसी है ये तेरी दिलकशी , रूठ गयी है ज़िन्दगी भी मुझसे , खो गयी है हर ख़ुशी ♥♥ क्यों है ये चाहतें , कैसी है ये बेबसी , टूट चूका हूँ मैं , टूट रही है हर सांस भी ♥♥
आसमां से चाँदनी बरस रही है , आँखें मेरी तुझे देखने को तरस रही है | ♥♥ एक अश्क जो तेरे गाल से गुज़रता हुआ तेरे लबों से मिल गया , जैसे यादों के सूखे बगीचे में फिर फूल महोब्बत का खिल गया | ♥♥
पेड़ से टूटकर गिरते पत्तों को देखा है, जैसे टूटते ख़्वाबों की तरह, हवायें भी कभी दरवाजों से टकराती है, जैसे दिल को बार-बार छूती तेरी यादों की तरह ♥♥ रूह तेरे एहसास के लिये तरसती है, जैसे बारिश को तरसते सूखे बागों की तरह, शाम को जब तन्हाई बेचैन करती है, तो हर लम्हा गुजरता है जैसे कई सालो की तरह ♥♥
आंसमा पे सरकता चाँद , और कुछ रातें थी सुहानी , तेरी जुल्फों से गुजरती हुई उंगलियाँ , और तेरी साँसे थी जैसे मीठा पानी ♥♥ चेहरे पे तेरी जुल्फों का बिखरना, धड़कन भी थी तेरी दीवानी, तेरे चेहरे पे ठहरी वो बारिश की बूंदे, काश तुझे देखते रहे और ठहर जाये ये जवानी ♥♥
वो नंगे पाँव मिटटी में दौड़ना, फूलों को तोड़कर उनकी खुशबू को साँसों से जोड़ना, बारिश में भीगना और आसमान को औढना, काश वो बचपन फिर आ जाये, कोयल वही गीत गुनगुनाये, तारे गिनते-गिनते रात गुज़र जाये, नानी वही कहानियां सुनाये, काश वो बचपन फिर आ जाये |
तेरे चले जाने के बाद से दिल में जो ये तड़प है , सुकून कहीं मिलता ही नहीं बस तू ही हर तरफ है | ♥♥ एक हसरत अब भी बाकी है दिल में कहीं , दिल भी निकाल कर रख दूंगा तू कभी मुझे मिल तो सही | ♥♥
तुझसे दूर रह कर, मैं खुद को खोता रहा, जितना भी दूर था तुझसे, तेरा होता रहा, कैसे कहूं, कैसे सहूँ, ये जुदाइयां, ये जुदाइयां , तनहा भी हूँ, कटती नहीं ये तन्हाइयां, ये जुदाइयां, ये जुदाइयां ♥♥
बादलों से गुज़रते चाँद में तुम हो , कभी आँखों में , तो कभी ख़्वाबों के आसमान में तुम हो , हर पल में , दिल के सूने जहान में तुम हो , साँसों के साथ जिन्दा हर एक अरमान में तुम हो |
आज फिर कोशिशें की उसने, मुझे आजमाने की, यूँ नज़रों से इशारे कर, मेरा दिल बहलाने की | कभी ख्वाबों में आकर , मेरी रूह को तड़पाने की , तो कभी जुल्फें संवारकर , मुझे यूँ सताने की |
उंगलियाँ फिर तेरी जुल्फों से गुज़र जायेँ , जब तू पलकें झुकाकर मेरी ज़िन्दगी में चली आये | तुझमें खोकर खुद को पा लूँ मैं , जब साँसे तेरी मेरी रुह को छु जायें | हर लम्हा पूरी ज़िन्दगी लगे मुझे, जब तू नज़रे चुराकर मुझसे शर्माएं |