ऐ बहारों ठहर जाओ ज़रा, मेरा महबूब आने वाला है, सितारे भी इस इंतज़ार में बैठे है, कि आज ज़मी पे चाँद निकलने वाला है ♥♥ आरज़ू नहीं उसे ज़िन्दगी से कोई, वो तो सिर्फ मुझसे मिलने वाला है, उसकी बाहों की गरमी से, मेरा ये दिल पिघलने वाला है ♥♥
तेरे ख्वाब से महोब्बत करता हूँ , तेरे एहसास से महोब्बत करता हूँ , मिलना तो शायद अब मुमकिन नही , मैं तो तेरी याद से महोब्बत करता हूँ ♥♥ जिस बारिश में तू भीग रही थी , मैं उस बरसात से महोब्बत करता हूँ , कभी ख्वाब में तूने मुझे छुआ होगा , मैं उस रात से महोब्बत करता हूँ ♥♥
मेरी यादें कभी तुझे सताएँ तो , तेरी गली से गुज़र जाना , मैं वही मिलूँगा तुझे , अगर हो सके तो थोडा ठहर जाना ♥♥ इश्क़ ही तो रब है , यूँ ना तू किसी से घबराना , तोड़कर सारी बंदिशें , तू मुझसे लिपट जाना ♥♥
चल फिर उन इश्क़ की राहों से गुज़र जाये , टूटकर इन हसरतों में जज़्बात-ए-इश्क़ में बिखर जाये , जो चल पड़े कदम तो रुकना मुश्किल होगा , या तो फिर कह दो अपने दिल से कि थोडा संभल जाये ♥♥
आँखों ही आँखों में जो ये बातें हो रही है , हरकतें दिल में कुछ फिर महोब्बत सी हो रही है , तेरी निगाहों ने दिल पे कुछ इस तरह दस्तक दी है , कि तेरी रूह अब मेरे जिस्म में सो रही है ♥♥