कोई तो वजह थी जो तुझसे दिल लगा बैठे , तेरी चाहत के ख़ुमार में सबकुछ भूला बैठे, बड़ा अजीब था ये सफ़र ज़िन्दगी का , कि तुझे पाने की हसरत में खुद को गंवा बैठे ♥♥
कल फिर मिला मैं तुझसे ख़्वाबों में , दिल को कुरेदती उन तनहा रातों में , दिल ने रोका मुझे आगे बढ़ने से , कि मत डूब उन बेमतलब ज़ज्बातों में ♥♥ जो लब्ज़ तूने मुझसे नहीं कहे , मैंने पढ़ा है उन्हें तेरी आँखों में , शायद मैं कभी खुद को भी भूल जाऊं , मगर तू आज भी मौजूद है मेरी साँसों में ♥♥