Khwaabon Mein | Love Poems
कल फिर मिला मैं तुझसे ख़्वाबों में,
दिल को कुरेदती उन तनहा रातों में,
दिल ने रोका मुझे आगे बढ़ने से,
कि मत डूब उन बेमतलब ज़ज्बातों में ♥♥
जो लब्ज़ तूने मुझसे नहीं कहे,
मैंने पढ़ा है उन्हें तेरी आँखों में,
शायद मैं कभी खुद को भी भूल जाऊं,
मगर तू आज भी मौजूद है मेरी साँसों
में ♥♥
तू मुझसे दूर सही,
मगर दिल आज भी धड़क रहा है तेरे
एहसासों में,
भीगता हूँ बारिशों में तुझे सोचकर,
मगर अब वो बात नहीं है इन बरसातों
में ♥♥
हँसी भी खो गयी है मेरे लबों से
कहीं,
तेरा हाथ जो नहीं है अब मेरे हाथों में,
ज़िन्दगी तो कब का मुंह मोड़ चुकी है,
थोड़ी सी जो बची है वो कट रही है
तेरी यादों में ♥♥
बहुत सुंदर .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : दास्तां सुनाता है मुझे
शुक्रिया |
हटाएंWell written :)
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