जब-जब तेरे पास से गुज़रा, ये महसूस किया, तूने करके महोब्बत मुझसे, क्यों मुँह मोड़ लिया, सहमा दिल तनहापन से, तुझे ढूँढ रहा ♥♥ दिल तू मुझको बता, क्यों महोब्बत करने चला है तू, दिल संभल जा ज़रा, फिर महोब्बत करने चला है तू ♥♥
रास्ता तू ही और मंज़िल तू ही , चाहे जितने भी चलूँ मैं कदम ♥♥ तुझसे ही तो मुस्कुराहटें मेरी , तुझ बिन ज़िन्दगी भी है सितम ♥♥ जितनी भी महोब्बत करूँ मैं तुझसे , उतनी ही है कम ♥♥ हर लम्हा तुझे ही चाहूँ , चाहे जितने भी लूँ मैं जन्म ♥♥ रब तू ही और दुआ तू ही , तुझे और कितना मैं चाहूं सनम ♥♥
काश तेरी साँसें , मेरे लबों को छू जाती , मेरी बाहों में सिमट कर , तू सिर्फ मेरी हो जाती ♥♥ काश तेरी खुशबूं में , मेरी साँसें खो जाती , मैं तुझे दिल से पुकारता , और तेरी धड़कने मेरी हो जाती ♥♥
सुबह तो खुशनुमा थी , क्यों शाम मुझे फिर तनहा छोड़ गयी, मंजिल दिखी ही थी , कि ज़िन्दगी फिर रास्ता मोड़ गयी , दिन तो गुज़र गया , मगर रात फिर तेरी यादों के साथ छोड़ गयी , अभी तो चलना सीखा था , मेरी हसरतें फिर मुझे तोड़ गयी , ये बारिशें मेरे लबों को छूकर , फिर मुझे प्यासा छोड़ गयी ♥♥
तेरे ख़्वाबों में एक ख्वाब बनकर रहूँ मैं , तू ही आरज़ू और ज़िन्दगी तू ही कैसे तुझसे कहूँ मैं , तू जो कर ले मुझे तेरी ख्वाहिशों में शामिल , तेरी रूह में बसकर तेरी साँसों संग चलूँ मैं ♥♥
तेरा यूँ नज़रे फेर कर भी मुझे देखते रहना , सब कुछ कह देकर भी किसी से कुछ ना कहना , कैसे कहूँ कितना मुश्किल है इस दर्द को सहना , तेरे पास होकर भी तुझसे यूँ दूर रहना ♥♥