वस्ल | रोमांटिक शायरी लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप जनवरी 21, 2019 इक उम्र गुज़री है हिज़्र में अब वस्ल का स्वाद चखना है , तेरे गाल पे जो तिल है उसे होंठों से उठाकर तेरे काँधे पे रखना है । Read Complete Post »
दरख़्त-ए-ज़िंदगी | Rekhta Shayari लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप जनवरी 05, 2019 दरख़्त-ए-ज़िंदगी से इक और पत्ता टूट कर गिर गया , साल ऐसे गुज़रा जैसे कोई मेहमाँ आकर वापस अपने घर गया । Read Complete Post »
जुबां | Rekhta लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप जनवरी 05, 2019 जो बात जुबां से कहनी थी वो इशारों में कह गई , मिरे हिस्से की मुहब्बत उसकी आँखों में ही रह गई । Read Complete Post »
कमर | Romantic Shayari लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप जनवरी 03, 2019 उँगलियाँ कमर को छूने को है वो मिरे ज़द में है , लेकिन मुहब्बत है उनसे और हम अपनी हद में है । Read Complete Post »