उस दश्त का जो राब्ता है तिश्नगी के साथ तू ख़ुश रहे दुआ है मगर इक कमी के साथ तुझ से बिछड़ के हम मरे तो जाँ नहीं मगर फ़िर कर लिए ये फासले और ज़िंदगी के साथ ढूँढ अब शजर पहाड़ परिन्दें हवा कहीं उकता गया है आदमी अब आदमी के साथ वो सिलसिला अजीब था तन्हाई का मिरी सबके रहे क़रीब मगर दुश्मनी के साथ प्यार से सुनाना कोई कड़वी बात भी मुझको खिलाते थे वो नमक चाशनी के साथ हर बात के लिए तू मना लेता है मुझे है मसअला यही तिरी इस दोस्ती के साथ रोना न धोना झगड़ा न कोई शिकायतें वो रिश्ता तोड़ भी गया तो सादगी के साथ सब सोचते रहे कि मोहब्बत ही छोड़ दी पकड़ा गया वो कृष्ण उसी बाँसुरी के साथ गुज़रा जो कोई अपने भी घर फ़िर नहीं गया है कौनसा ये रिश्ता तिरी उस गली के साथ एक एक याद तेरी पिघलती है बर्फ़ सी क्या ही मज़ा शराब का है तीरगी के साथ उठकर चला गया वो कहीं और बज़्म से अच्छा नहीं हुआ ये मिरी शाएरी के साथ
इक नज़र आर - पार कर देखें रूह को जिस्म उतार कर देखें कौन सुनता है ख़ामुशी की सदा आँखों से भी पुकार कर देखें खेल ये सीधी नज़रों का नहीं दोस्त क्यूँ न आँख एक मार कर देखें प्यार अगर दे मज़ा उदासी का क्यूँ न हम दिल ये हार कर देखें हिज्र के बाद एक और ये हिज्र दश्त में प्यास मार कर देखें आँसुओं में छुपा हो राज़ कोई कौन वो दरिया पार कर देखें है कोई और अक्स आइने में धूल थोड़ी उतार कर देखें हो अकेला उदास सच भी कहीं दुनिया को दरकिनार कर देखें हर शजर को गले लगाते चल अक्स-ए-ख़ुशबू-ए-यार कर देखें हो कोई हाल क़ैस जैसा फ़िर दिल की बात आश्कार कर देखें
प्यार अगर दे मज़ा उदासी का क्यूँ न हम दिल ये हार कर देखें Keyword Tags :- jagjit singh, shayari photo, jaun elia, pankaj udhas, ahmad faraz, pyar bhari shayari, parveen shakir, allama iqbal poetry, hindi gazal, sad shayari image, odia shayari